Sunday 7 June 2020

कामधेनु डेयरी योजना,राजस्थान | Kamdhenu dairy scheme,Rajasthan

राजस्थान सरकार ने देसी गाय के हाईटेक डेयरी फार्म को बढ़ावा देने के लिए कामधेनु डेयरी योजना शुरू की है. योजना का संचालन पशुपालन विभाग के जरिए किया जाएगा. अधिकतम एक इकाई 36 लाख की हाेगी. जिसमें प्रोजेक्ट लागत का 30% सरकार के द्वारा खर्च किया जाएगा और 10% राशि डेयरी स्थापित करने वाले उद्यमी को इन्वेस्ट करनी होगी. 90% राशि बैंक द्वारा लोन दी जाएगी. डेयरी स्थापित करने वाले शिक्षित पशुपालक को पशुपालन का अनुभव और खुद की भूमि होना आवश्यक है.
पशुपालकों, गोपालकों, कृषकों, नव युवकों, महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कामधेनु डेयरी योजना शुरू की गई है. योजना के तहत प्रजनन नीति अनुसार दूधारू देशी गौवंश का संर्वधन कर देसी उन्नत गौवंशों की डेयरी लगा सकते हैं. डेयरी लगाने के लिए इच्छुक और पात्रता रखने वाले अभ्यर्थियों को 31 जुलाई तक निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना होगा.
जिला कलेक्टर एवं जिला गौपालन समिति के अध्यक्ष डॉ. जोगाराम ने बताया कि ‘‘कामधेनू डेयरी योजना’’ के तहत जिले में पशुपालन विभाग की प्रजनन नीति के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार द्वारा चयनित अभ्यर्थियों के माध्यम से कामधेनू डेयरियां खोली जाएंगी. इस डेयरी में उच्च दुग्ध क्षमता वाली एक ही नस्ल के 30 गौवंश होगें। डेयरी खोलने के लिए लाभार्थी के पास पर्याप्त स्थान और हरा चारा उत्पादन करने के लिए कम से कम एक एकड़ भूमि होनी चाहिए. इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 36 लाख रूपये निर्धारित की गई है. इसमें लाभार्थी को 10 प्रतिशत राशि स्वयं द्वारा वहन करनी होगी और 90 प्रतिशत राशि बैंक लोन के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी. डेयरी योजना तहत लिया गया ऋण चुकाए जाने पर राज्य सरकार द्वारा 30 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाएगी

पशुपालकों को 30 गौवंश के लिए मिलेगा ऋण
पशुपालक, गोपालक, कृषकों, नवयुवकों, महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए एवं उन्नत गौवंशों से पशुपालकों की आय बढा़ने के लिए कामधेनू डेयरी योजना में चयनित पशुपालकों को 30 गौवंश के लिए ऋण दिया जाएगा. सफल आवेदक को बैंक के माध्यम से ऋण प्रदान किए जाने के बाद डेयरी प्रबंधन और गौ उत्पादों के संबंध में उन्हें प्रशिक्षण और मार्गदर्शन भी दिया जायेगा. लाभार्थी को इस क्षेत्र में कम से कम तीन साल का अनुभव होना आवश्यक हैं. साथ ही डेयरी का संचालन स्थानीय निकाय के प्रतिबंधित सीमा क्षेत्र से बाहर किया जायेगा

30 जुलाई तक निर्धारित प्रपत्र में करना होगा आवेदन
संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग जयपुर उम्मेद सिंह ने बताया कि कामधेनू डेयरी योजना के तहत इच्छुक पशुपालक, गौपालक, कृषक, नवयुवक, महिलाओं को 30 जुलाई तक निर्धारित प्रपत्र में कार्यालय संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग को आवेदन करना होगा. प्रथम चरण में देशी नस्ल की गायें जिनकी उम्र 5 वर्ष या दो ब्यांत (जो भी कम हो) होनी चाहिए और दुग्ध उत्पादन 10-12 लीटर प्रतिदिन होना चाहिए. प्रथम चरण में एक ही नस्ल की 15 दुधारू गाय और इसके 6 महीने बाद द्वितीय चरण में 15 देशी गौवंश क्रय करने होंगे.
निचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के फार्म डाउनलोड करें 

Wednesday 6 November 2019

गाय भैंस और अन्य पशुओं में भूख की कमी का इलाज (Anorexia)

अन्य नाम - भूख की कमी ,भूख न लगना ,अरुचि ,चारा (आहार) का न खाना ,Loss of appetite for food, Inappetence.

पशुओं में भूख न लगना अथवा भूख कम होना कोई रोग नहीं है,बल्कि यह किसी रोग का प्रथम लक्षण है।जब कोई पशु किसी रोग से पीड़ित हो जाता है तो उसकी भूख कम हो जाती है और वह कम खाने लगता है अथवा खाना -पीना बिल्कुल हे बंद कर देता है।


रोग के कारण (Etiology)
पाचन की गड़बड़ी अथवा मिनरल्स की कमी ,परजीवी जीवाणु अथवा विषाणु के कारण रोग होने पर, मुँह या जीभ में कट जाने पर अथवा छाले पड़ने पर या सूजन होने पर अथवा किसी चीज़ के अटक जाने पर पशु या तो खाना -पीना कम कर देते है अथवा खाना -पीना बिल्कुल ही बंद कर देते है।

कामधेनु डेयरी योजना,राजस्थान | Kamdhenu dairy scheme,Rajasthan

राजस्थान सरकार ने देसी गाय के हाईटेक डेयरी फार्म को बढ़ावा देने के लिए कामधेनु डेयरी योजना शुरू की है. योजना का संचालन पशुपालन विभाग के जर...